राग गोरख कल्याण का परिचय
वादी: म
संवादी: सा
थाट: KHAMAJ
आरोह: सारेमध नि॒धसां
अवरोह: सांनि॒धम धपम रेम रेसाऩि॒ध़सा
पकड़: रेम रेसाऩि॒ ऩि॒ध़सा
रागांग: उत्तरांग
जाति: SHADAV-SHADAV
समय: रात्रि का द्वितीय प्रहर
विशेष: इस राग का कल्याण राग से कोई सम्बन्ध नहीं है। दुर्गा राग से बचाव के लिए साऩिध़सा, बागेश्री से बचाव हेतु रेमरेसाऩि॒ एवं केदार से बचाव के लिए रेंसांनि॒धसां का प्रयोग करना चाहिए।
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