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Monday, April 20, 2020

राग आनन्द भैरव का परिचय

वादी: 
संवादी: सा
थाट: BHAIRAV
आरोह: सारे॒गमपधनिधनिसां
अवरोह: सांधनि॒पमगमरेसा
पकड़: सारे॒ गमप सांधनि॒प मगमरेसा
रागांग: पूर्वांग
जाति: SAMPURN-SAMPURN
समय: दिन का प्रथम प्रहर
विशेष: इस राग में पूर्वांग में भैरव और उत्तरांग में बिलावल राग की प्रधानता है। आरोह में नि और अवरोह में नि॒ का प्रयोग होता है।

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