राग भीमपलासी का परिचय
जब काफी के मेल में, आरोहन रेध त्याग |
तृतीय प्रहार दिन ग नि कोमल, मानत म सा संवाद ||
थाट - काफी जाति - औडव-सम्पूर्ण
वादी - म संवादी - सा
आरोह - नि सा ग म, प, नि, सां
जब काफी के मेल में, आरोहन रेध त्याग |
तृतीय प्रहार दिन ग नि कोमल, मानत म सा संवाद ||
थाट - काफी जाति - औडव-सम्पूर्ण
वादी - म संवादी - सा
आरोह - नि सा ग म, प, नि, सां
अवरोह - सां नि ध प, म प ग म, ग रे सा
पकड़ - नि सा म, म प ग म, ग रे सा
न्यास के स्वर - सा, ग म प
सम्प्रकृति राग - बागेश्री
विशेषतायें
पकड़ - नि सा म, म प ग म, ग रे सा
न्यास के स्वर - सा, ग म प
सम्प्रकृति राग - बागेश्री
विशेषतायें
- इसमें ग नि कोमल तथा अन्य स्वर शुद्ध प्रयोग किया जाता है.
- आरोह में रे ध वर्जित है.
- अवरोह में सातों स्वरों का प्रयोग होता है.
- इसमें सा म और म ग की संगति बार-बार दिखाते हैं.
- नि के साथ सा के तथा ग के साथ म का मींड दिखाने की परंपरा है.
- यह करुण प्रकृति का राग है. इसमें बड़ा ख्याल, छोटा ख्याल, तराना, ध्रुपद-धमार आदि सभी गाये बजाये जाते हैं.
इस राग पर आधारित कुछ बॉलिवुड गाने
१. दिल के टुकड़े टुकड़े कर के - दादा
२. दिल में तुझे बिठाके - फकीरा
३. ए री मैं तो प्रेम दिवानी
४. ए ली रे ए ली क्या है ये पहेली - यादें
५. किस्मत से तुम हमको मिले हो - पुकार
६. नैनों में बदरा छाये - मेरा साया
Good morning Sir mam , its really important and valuable information for every music students, Thanks.
ReplyDeleteThnx
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