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Thursday, February 14, 2019

कण : परिभाषा

किसी दूसरे  को स्पर्श कर के जब कोई स्वर बजाया जाता है तब उस  किये हुए स्वर को कण कहा जाता है।  ये दो प्रकार के होते हैं:
१. निचे के स्वर से ऊपर के स्वर तक जाते हैं:
     रे       ग     प 
     ग,      म,    सां 
२. यह कण ऊपर  के स्वर को लेकर नीचे  के स्वर पर आने से होता है:
     ग        म        नि 
    सा,      ग,        प 


किसी स्वर की उत्पत्ति करते समय जब उस स्वर की अतिरिक्त किसी अन्य स्वर को शीघ्रता से स्पर्श करते हुए स्वरोच्चारण करते हैं तो उस (शीघ्रता से ) स्पर्श किये गए स्वर को कण स्वर कहते हैं।  इस प्रकार मूल स्वर का उच्चारण आकर्षक बन जाता है।  

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