नाद
ध्वनि को मोटे तौर पर दो प्रकार में बांटा जा सकता है.
१. आहत
२. अनाहत
‘आहत’ नाद से ही संगीत का जन्म होता है। यह नाद दो वस्तुओं को आपस में रगड़ने, घर्षण या एक पर दूसरी वस्तु के प्रहार से पैदा होता है। ‘आहत’ नाद हम तक कंपन के माध्यम से पहुँचता है।
संगीत के सात स्वरों में ‘रे’ का नाद ‘सा’ के नाद से ऊँचा है। इसी तरह ‘ग’ का नाद ‘रे’ से ऊँचा है।
तीव्रता के आधार पर नाद छोटा या बड़ा हो सकता है.
नाद की विशेषताएं Properties of Naad
ध्वनि को मोटे तौर पर दो प्रकार में बांटा जा सकता है.
१. आहत
२. अनाहत
"संगीत में उपयोग की जानेवाली मधुर ध्वनि को नाद कहा जाता है."
‘आहत’ नाद से ही संगीत का जन्म होता है। यह नाद दो वस्तुओं को आपस में रगड़ने, घर्षण या एक पर दूसरी वस्तु के प्रहार से पैदा होता है। ‘आहत’ नाद हम तक कंपन के माध्यम से पहुँचता है।
संगीत के सात स्वरों में ‘रे’ का नाद ‘सा’ के नाद से ऊँचा है। इसी तरह ‘ग’ का नाद ‘रे’ से ऊँचा है।
तीव्रता के आधार पर नाद छोटा या बड़ा हो सकता है.
नाद की विशेषताएं Properties of Naad
THANKS
ReplyDelete..
आपने अनाहत नाद की परिभाषा तो दी ही नही है।
ReplyDeleteआहत नाद वस्तुओं को आपस में रगड़ने, घर्षण या एक पर दूसरी वस्तु के प्रहार से पैदा होता है। अनाहत नाद इसका विपरीत है। यह बिना किसी वस्तु के टकराने से उत्पन्न होता है। अपने कान बन्द करके जो नाद सुनाई देता है वह अनाहत है और वह सृष्टि का सबसे पहला शब्द है।
DeleteThank u sooo much
DeleteThank u my teacher
ReplyDeleteNice
ReplyDeletePlease write the simple way to understand
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