वादी: म
संवादी: सा
थाट: BHAIRAV
आरोह: सारे॒गमपधनि॒सां
अवरोह: सांनि॒धपमगमरे॒सा
पकड़: गमधधप, मगरे॒साऩि॒सा
रागांग: पूर्वांग
जाति: SAMPURN-SAMPURN
समय: दिन का प्रथम प्रहर
- अलबेला सजन आयो रे - हम दिल दे चुके सनम
- पूछो न कैसे मैंने रैन बिताई - मेरी सूरत तेरी आँखें
- सोलह बरस की बाली उमर को - एक दूजे के लिये
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