Indian Classical Music
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Saturday, April 18, 2020
राग शंकरा का परिचय
वादी:
ग
संवादी:
नि
थाट:
BILAWAL
आरोह:
सागपनिधसां
अवरोह:
सांनिपगपगसा
पकड़:
सांनिप पनिधसांनि गपगसा
रागांग:
पूर्वांग
जाति:
AUDAV-AUDAV
समय:
रात्रि का द्वितीय प्रहर
विशेष:
इसमें ऋषभ और मध्यम दोनों वर्ज्य मानते हैं। आरोह में निषाद वक्र होता है।
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