Indian Classical Music
Syllabus and content for Indian Classical Music
Search here
Friday, March 27, 2020
राग
राग
योऽयं ध्वनिविशेषस्तु स्वरवर्णविभूषित:।
रंजको जनचित्तानां स राग: कथ्यते बुधै:।।
अर्थात् स्वरों की रचना जिसमें स्वर और वर्ण के युक्त होने के कारण मनुष्य के तित्त की रंजन या उसमें आनन्द विकसित हो, उसे राग कहते हैं।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment