राग बिहाग एवं राग खमाज
समानता :
- दोनों रागों में ग वादी और नी सम्वादी माना गया है।
- दोनों राग रात्रि के प्रथम प्रहार में गाये जाते हैं।
- दोनों के अवरोह में सभी शुद्ध स्वर लगते हैं।
- दोनों का अवरोह सम्पूर्ण है।
विभिन्नता :
राग बिहाग | राग खमाज |
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यह बिलावल थाट का राग है। | यह राग खमाज थाट का राग है। |
यह आश्रय राग नहीं है। | यह राग खमाज थाट का आश्रय राग है। |
यह औडव-सम्पूर्ण जाति का राग है। | यह राग षाडव - सम्पूर्ण जाति का राग है। |
बिहाग में तीव्र मध्यम का प्रयोग बहुत अधिक होने लगा है जबकि यह विवादी स्वर है। | इस राग में ख्याल और ध्रुपद गाते समय किसी विवादी स्वर का प्रयोग नहीं होता है। |
इस राग में ठुमरी नहीं गाये जाते हैं। | इस राग में ठुमरी गायी जाती है। |