राग गौड़ सारंग का परिचय
वादी: ग
संवादी: ध
थाट: KALYAN
आरोह: साऩि रेसा गरे मग पम॓ धप निधसां
अवरोह: सांनिधप धम॓प गमरेसा
पकड़: गरेमगपम॓धपमग सागरेमग परेसा
रागांग: पूर्वांग
जाति: SAMPURN-SAMPURN
समय: दिन का तृतीय प्रहर
विशेष: इस राग का चलन वक्र है। आरोह में सातों स्वरों का प्रयोग वक्र रूप से हीं होता है।
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