वादी: सा
संवादी: प
थाट: BILAWAL
आरोह: साऩिध़ सारेग गमरेग गप निध निसां
अवरोह: सांधनि॒प गमनि॒धप मग रेगरेसा
पकड़: सा ऩिध़ सारेग मग रेसा
रागांग: पूर्वांग
जाति: SAMPURN-SAMPURN
समय: दिन का प्रथम प्रहर
विशेष:
बहुत्व-म।
अल्पत्व-म॓।
कल्याण और बिलावल का मिश्रण। न्यास-ग और प।
यमनी बिलावल की छाया से बचाव-गपमगरेसा का प्रयोग।
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