सितार में ही नहीं बल्कि समस्त भारतीय संगीत में मींड एक महत्वपूर्ण क्रिया है. संगीत में मिठास उत्पन्न करने वाली इस जैसी कोई अन्य क्रिया नहीं है. जब सितारवादक एम् ऊँगली से सा पर रखकर मिजराब लगते हैं और दूसरी ऊँगली से रे बजाते हैं अर्थात दोनों स्वरों पर ठोकर देकर बजाते हैं तो इसे खड़ा स्वर बजाना कहते हैं. किन्तु यदि एक स्वर पर मिजराब द्वारा ठोकर देने के बाद दुसरे स्वर की ध्वनि निकाली जाये तो इसे मींड कहते हैं.
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