सम -
किसी भी ताल विभाग की प्रथम मात्रा पर जो ताली पड़ती है, उसे 'सम' की संज्ञा देते हैं. गायन-वादन और नृत्य में सदा सम पर जोर देने की प्रथा है. यही वह स्थान है, जहाँ से प्रत्येक ताल का ठेका प्रारम्भ होता है.
उदाहरनार्थ तीन ताल में १ पर सम दिखाया जाता है.
अन्य परिभाषाये देखें-
taali ताली
sam सम
dhwani ध्वनि
naad नाद
किसी भी ताल विभाग की प्रथम मात्रा पर जो ताली पड़ती है, उसे 'सम' की संज्ञा देते हैं. गायन-वादन और नृत्य में सदा सम पर जोर देने की प्रथा है. यही वह स्थान है, जहाँ से प्रत्येक ताल का ठेका प्रारम्भ होता है.
उदाहरनार्थ तीन ताल में १ पर सम दिखाया जाता है.
अन्य परिभाषाये देखें-
taali ताली
sam सम
dhwani ध्वनि
naad नाद
Yes
ReplyDeleteSam ka chinaha kya hai
ReplyDeleteHmm
ReplyDeleteSam ka sin x
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