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Tuesday, May 23, 2017

पंडित रवि शंकर


जन्म                 7 अप्रैल 1920 (बनारस)
मृत्यु                 11 दिसम्बर 2012 (सैन डिएगो)

ये महान सितार वादक एवं संगीतज्ञ थे।
उनके युवा वर्ष यूरोप और भारत में अपने भाई उदय शंकर के नृत्य समूह के साथ दौरा करते हुए बीते।

इन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत की शिक्षा उस्ताद अल्लाऊद्दीन खाँ से प्राप्त की। अपने भाई उदय शंकर के नृत्य दल के साथ भारत और भारत से बाहर समय गुजारने वाले रविशंकर ने 1938 से 1944 तक सितार का अध्ययन किया और फिर स्वतंत्र तौर से काम करने लगे। बाद में उनका विवाह भी उस्ताद अल्लाऊद्दीन खाँ की बेटी अन्नपूर्णा से हुआ।

अपने जीवन काल में उन्होंने सत्यजीत रे की फिल्मों में संगीत भी दिया। 1949 से 1956 तक उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो में बतौर संगीत निर्देशक काम किया। 1960 के बाद उन्होंने यूरोप के दौरे शुरु किये और येहूदी मेन्यूहिन व बिटल्स ग्रूप के जॉर्ज हैरिशन जैसे लोगों के साथ काम करके अपनी खास पहचान बनाई। उनकी बेटी अनुष्का शंकर सितार वादक हैं तो दूसरी बेटी नोराह जोन्स भी शीर्षस्थ गायिकाओं में शुमार की जाती हैं। उन्हें 1999 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। रवि शंकर को कला के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन् 2009 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। भारतीय संगीत को दुनिया भर में सम्मान दिलाने वाले भारत रत्न और पद्मविभूषण से नवाजे गये पंडित रविशंकर को तीन बार ग्रैमी पुरस्कार से भी नवाजा गया था। उन्होंने भारतीय और पाश्चात्य संगीत के संलयन में भी बड़ी भूमिका निभाई। 

पंडित रविशंकर की दो बेटियां हैं, वे भी संगीतकार हैं, अनुष्का शंकर सितारवादक हैं और ग्रेमी पुरस्कार विजेता नोरा जोन्स गायिका एवं गीतकार हैं. 

Quote
"I have experimented with non-Indian instruments, even electronic gadgets. But all my experiences were based on Indian ragas. When people discuss tradition, they don't know what they are talking about. Over centuries, classical music has undergone addition, beautification, and improvement—always sticking to its traditional basis. Today, the difference is that the changes are faster."

"I keenly listened to our music and observed the reaction of audiences on hearing it. This critical analysis helped me to decide what we should give to Western audiences to make them really respect and appreciate Indian music."

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