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Wednesday, April 29, 2020

राग जैतश्री का परिचय

वादी: 
संवादी: नि
थाट: PURVI
आरोह: सागम॓पनिसां
अवरोह: सानिध॒पम॓गम॓गरे॒सा
पकड़: पध॒प म॓गम॓गरे॒सा
रागांग: उत्तरांग
जाति: AUDAV-SAMPURN
समय: रात्रि का प्रथम प्रहर
विशेष: न्यास-ग प वर्जित - आरोह में ऋषभ धैवत पूर्वांग में जैत और उत्तरांग में श्री राग व्यक्त होता है।

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